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देशभक्ति गीत, सा से सागर की लहरें

             देशभक्ति गीत सा से सागर की लहरें, रे से रेगिस्तान ग से गंगा की धारा, जिसकी मीठी तान   म से मिट्टी देश की, जिस पर हम कुर्बान प प प,म म म, म म म, ग ग ग, ग ग ग, रे रे रे, रे ग रे,सा सा सा     प म ग रे सा -2 2. प से पर्वत की चोटी,  ध से धरती न्यारी नि से नील गगन है,नीले फूलों की क्यारी सां सां सां, नि नि नि, नि नि नि, ध ध ध ध ध ध, प प प, प प प, म म म, म म म,ग ग ग ग ग ग, रे रे रे, रे ग रे, सा सा सा प म ग रे सा -2 3. प से पंचम गाए कोयल, ध से धरती डोळे   नि से निर्झर झरने, सात सुरों में बोले   सां सां सां, नि नि नि, नि नि नि, ध ध ध ध ध ध, प प प, प प प, म म म, म म म,ग ग ग ग ग ग, रे रे रे, रे ग रे, सा सा सा प म ग रे सा -2

स्वागत गीत, झूम झूम हर कली

     झूम- झूम हर कली हूँ.., बार - बार कह चली हूँ..   झूम- झूम हर कली  बार - बार कह चली आप जो पधारे तो महक उठी गली गली झूम- झूम हर कली  बार - बार कह चली-2 1. प्यार भरी पलकों में हमको पाला पोसा है हर कदम पे साथ का दिया हमें भरोसा है खुशनुमा है ज़िंदगी, राह जैसे मखमली..2 आप जो पधारे तो महक उठी गली गली झूम- झूम हर कली  बार - बार कह चली..2 2. कह रहीं हवाएँ भी आप की कहानियाँ आप से बरस रहीं सब पे मेहरबानियाँ मीठे बोल बोलते हैं, जैसे मिसरी की डली आप जो पधारे तो महक उठी गली- गली झूम- झूम हर कली  बार - बार कह चली..3 आप जो पधारे तो महक उठी गली- गली झूम- झूम हर कली  बार - बार कह चली-4